[Intro – soft piano, distant train horn, slow tanpura]
चुप हैं रास्ते, खामोश हैं निशान,
तेरे बिना हर मोड़ लगे अनजान।
दिल ने जो मंज़िल समझी थी कभी,
वो रह गई तन्हा — तू न था वहीं।
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[Verse 1 – slow tabla with violin harmony]
तेरे साथ की जो ख़ुशबू थी, अब भी सांसों में बसी है,
पर तन्हाई की ये धूप अब मेरी छाँव बनी है।
हर मोड़ पे जब नाम तेरा लिया,
दिल ने कहा — अधूरा सफ़र, बिन हमसफ़र लिया।
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[Verse 2 – ambient sitar with wind chimes]
लफ़्ज़ों में अब तेरा जिक्र कम है,
मगर हर खामोशी में तू पुरज़ोर है।
वो दिन, वो बातें, वो रास्ते सब रुके,
क़दम थम गए जब तेरा साथ छूटे।
(Hook)
अधूरा सफ़र, बिन हमसफ़र —
दिल की जुबां से निकला हर सफ़ा तेरा ही ज़िक्र करे।
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[Verse 3 – sarangi layer, echo reverb]
वो पल जो तेरे होने से मुकम्मल थे,
अब अधूरे हैं, बस धुंधले से।
तेरे बग़ैर जो जिया, वो जीना नहीं था,
सफ़र था मगर कोई मंज़िल नहीं था।
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[Outro – fade out with heartbeat FX and echoing chorus hums]
अब भी कोई छाँव साथ चलती नहीं,
हर राह पे तेरा एहसास पलटता नहीं।
अधूरा सफ़र...
बिन हमसफ़र...
बस ये दास्तान बनकर रह गया।